जी हाँ !यकीन मानिये :साफ़ बचे रहा जा सकता है 'फिरंगी संस्कृति रहनी सहनी'के इस रोग से। प्रेम में एकनिष्ठ रहिये। उठ बैठ संदेह से परे रखिये। रोका जा सकता है उन हज़ार नवयुवतियों को रोज़ -ब -रोज़ इस संक्रमण के लपेटे में आ रहीं हैं। इलाज़ और बचाव दोनों आपके घर दुआरे आया है बस जांच के लिए आगे आइये। इस बरस जानिये वाकिफ होइए खुद से आप कहीं एचआईवी -एड्स पॉज़िटिव तो नहीं हैं। हैं भी तो कोई पहाड़ नहीं टूटा है इलाज़ उपलब्ध है। धीरे -धीरे आगे बढ़ता है इसका वायरस एच आई वी (ह्यूमेन -इम्यूनो -डिफिशिएंसी वायरस ),भले आपका कुछ न भी बिगाड़े आपके घनिष्ठ शारीरिक संबंधों से दूसरे इससे संक्रमित हो सकते हैं। खुद भी बचिए औरों की भी हिफाज़त के लिए आगे आइये। सब आपके साथ हैं। तमाम तरह के रोग निदान ,रोग जांच बस हीन भावना छोड़ अल्लाह के वास्ते राम के वास्ते आगे आइये। यही इस बरस के एड्स दिवस का मूलमन्त्र है। इस दूषित जीवन शैली रोग को लेकर उत्तरी अमरीका का यह हाल है : संयुक्त राज्य अमरीका (उत्तरी अमरीका ) एक अनुमान के अनुसार ग्यारह लाख लोग संक्रमित हैं एचएवी -एड्स से। इनमें से हर सातवां ...