इन दिनों -एक तो अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प साहब का मेडिकल चेकअप खबरों में है दूसरी सुर्खी 'ट्वीट वॉर 'यानी अंगोछा छाप लड़ाई जैसी चीं चीं चै चै उत्तरकोरिया के साथ इन्हीं डोनाल्ड ट्रम्प महोदय की चल रही है।
अगोंछा चाप लड़ाई- दिखाऊ -धमकाउ किस्म की होती है। पाकिस्तान इसमें माहिर है हो सकता इसका प्रेरणा स्रोत वही रहा हो।
मज़ेदार बात यह है 'डोनाल्ड -किम जोंग उन 'के बीच चल रही मौखिक "तू तू मैं मैं " के पार्श्व प्रभाव भी सामने आ गए हैं।
अमरीका में पोटैशियम आयोडाइड की बिक्री को पंख लग गए हैं मानो एटमी युद्ध छिड़ गया हो छिड़ने वाला हो। अब ये बिलकुल ज़रूरी नहीं है विकिरण के रूप में रेडियोएक्टिव आयोडीन ही निकले एटमी धमाकों से।
भाईसाहब खाने के नमक का अल्पांश यह पोटैशियम आयोडाइड ही है जो थाइरोइड की तंदरुस्ती के लिए अल्पांश में ज़रूरी समझा गया है.
आम तौर पर इसकी व्यवस्था एमर्जेन्सी स्टॉक के रूप में वह राज्य करते हैं जहां दस मील (१६ किलोमीटर ) की परिधि में कोई एटमी भट्टी मौजूद हो।लेकिन पोटैशियम आयो-डाइड केवल थाइरोइड ग्रंथि की ही रेडिओ -आयोडीन की अति रिक्त जज़्बी से हिफाज़त कर सकता है शरीर के किसी अन्य अंग की नहीं।बिला वजह इसका इस्तेमाल बचावी चिकित्सा के लिए हानिकारक होगा।
वैसे ही बात हो रही है एक अतिविकसित मुल्क में जैसे बावले गाँव में ऊँट आ गया हो।
अमरीकी राष्ट्रपति के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी चिल्ल पौं आम औ ख़ास के बीच में ज़ारी है यहां तक की अमरिकी मनोरोग संघ और अमरीकी मनोविश्लेषण संघ भी इस गुफ्तुगू में कूद गए हैं।
आग्रह और दुराग्रह और बचाव दोनों पक्षी कर रहे हैं। एक मिसाल देता है पूर्व के राष्ट्रपतियों की जिनमें से रेगन महोदय ने स्वयं आगे बढ़के बतला दिया था के उन्हें अल्ज़ाइमर्स बतलाया गया है।
जिम्मी कार्टर आग्रह करते थे -राष्ट्रपति के भौतिक और मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी को गोपनीयता के व्यक्तिगत दायरे से बाहर लाया जाये। एक आम आदमी को यह हक़ हासिल है।
दूसरा कहता है यह नागर अधिकार से जुड़ा मामला है। पहला पलटवार करता है क्या दादा दादियों के ज़माने की बात करते हो सूचना साझेदारी के इस दौर में।
हमारा मानना है मानसिक विकार और कायिक रोगों का समान प्रबंधन उपलब्ध है। बेहद होनहार होते हैं बाइपोलर इलनेस से ग्रस्त लोग। और शिज़ोफ्रेनिक एक व्यवहार है रोग नहीं है। अलबत्ता डिप्रेशन को भी आज एक अलग रोग का दर्ज़ा प्राप्त है। 'गेमिंग' को भी मई २०१८ में ICD -11 (भौतिक और मानसिक दोनों किस्म के रोगों का वर्गीकरण करने वाली अमरीकी संस्था। )एक मानसिक विकार -मेन्टल डिसऑर्डर का दर्ज़ा देने जा आ रही है।
आज की आपाधापी ,हिरशबाज़ी और आध्यात्मिक स्पंदनों के अभाव में मानसिक रोगों का दायरा फैले इसमें कोई अजूबा भी नहीं है। अजूबा -छोटी सी बात का फ़साना बना लेना है डोनाल्ड के मानसिक स्वास्थ्य और किम जोंग के साथ इनकी चीं चीं चै चै को।
सन्दर्भ -सामिग्री :CNN Health पर उपलब्ध हालिया पोस्ट्स
अगोंछा चाप लड़ाई- दिखाऊ -धमकाउ किस्म की होती है। पाकिस्तान इसमें माहिर है हो सकता इसका प्रेरणा स्रोत वही रहा हो।
मज़ेदार बात यह है 'डोनाल्ड -किम जोंग उन 'के बीच चल रही मौखिक "तू तू मैं मैं " के पार्श्व प्रभाव भी सामने आ गए हैं।
अमरीका में पोटैशियम आयोडाइड की बिक्री को पंख लग गए हैं मानो एटमी युद्ध छिड़ गया हो छिड़ने वाला हो। अब ये बिलकुल ज़रूरी नहीं है विकिरण के रूप में रेडियोएक्टिव आयोडीन ही निकले एटमी धमाकों से।
भाईसाहब खाने के नमक का अल्पांश यह पोटैशियम आयोडाइड ही है जो थाइरोइड की तंदरुस्ती के लिए अल्पांश में ज़रूरी समझा गया है.
आम तौर पर इसकी व्यवस्था एमर्जेन्सी स्टॉक के रूप में वह राज्य करते हैं जहां दस मील (१६ किलोमीटर ) की परिधि में कोई एटमी भट्टी मौजूद हो।लेकिन पोटैशियम आयो-डाइड केवल थाइरोइड ग्रंथि की ही रेडिओ -आयोडीन की अति रिक्त जज़्बी से हिफाज़त कर सकता है शरीर के किसी अन्य अंग की नहीं।बिला वजह इसका इस्तेमाल बचावी चिकित्सा के लिए हानिकारक होगा।
वैसे ही बात हो रही है एक अतिविकसित मुल्क में जैसे बावले गाँव में ऊँट आ गया हो।
अमरीकी राष्ट्रपति के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी चिल्ल पौं आम औ ख़ास के बीच में ज़ारी है यहां तक की अमरिकी मनोरोग संघ और अमरीकी मनोविश्लेषण संघ भी इस गुफ्तुगू में कूद गए हैं।
आग्रह और दुराग्रह और बचाव दोनों पक्षी कर रहे हैं। एक मिसाल देता है पूर्व के राष्ट्रपतियों की जिनमें से रेगन महोदय ने स्वयं आगे बढ़के बतला दिया था के उन्हें अल्ज़ाइमर्स बतलाया गया है।
जिम्मी कार्टर आग्रह करते थे -राष्ट्रपति के भौतिक और मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी को गोपनीयता के व्यक्तिगत दायरे से बाहर लाया जाये। एक आम आदमी को यह हक़ हासिल है।
दूसरा कहता है यह नागर अधिकार से जुड़ा मामला है। पहला पलटवार करता है क्या दादा दादियों के ज़माने की बात करते हो सूचना साझेदारी के इस दौर में।
हमारा मानना है मानसिक विकार और कायिक रोगों का समान प्रबंधन उपलब्ध है। बेहद होनहार होते हैं बाइपोलर इलनेस से ग्रस्त लोग। और शिज़ोफ्रेनिक एक व्यवहार है रोग नहीं है। अलबत्ता डिप्रेशन को भी आज एक अलग रोग का दर्ज़ा प्राप्त है। 'गेमिंग' को भी मई २०१८ में ICD -11 (भौतिक और मानसिक दोनों किस्म के रोगों का वर्गीकरण करने वाली अमरीकी संस्था। )एक मानसिक विकार -मेन्टल डिसऑर्डर का दर्ज़ा देने जा आ रही है।
आज की आपाधापी ,हिरशबाज़ी और आध्यात्मिक स्पंदनों के अभाव में मानसिक रोगों का दायरा फैले इसमें कोई अजूबा भी नहीं है। अजूबा -छोटी सी बात का फ़साना बना लेना है डोनाल्ड के मानसिक स्वास्थ्य और किम जोंग के साथ इनकी चीं चीं चै चै को।
सन्दर्भ -सामिग्री :CNN Health पर उपलब्ध हालिया पोस्ट्स
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