यथार्थ :
सच यह है थोड़ा सा भी निर्जलीकरण आपकी संज्ञानात्मक (बोध संबंधी )तथा शारीरिक गतिविधियों पर असर डालेगा। कुलमिलाकर आपके स्वास्थ्य को भी इस अल्प से प्रतीत होने वाले निर्जलीकरण (de-hydration )का खमियाज़ा भुगतना पड़ेगा ।
पर्याप्त जलीकरण रहने पर आपकी तमाम कोशाएं (कोशिकाएं ,body cells )भरपूर तरल में तैरती इठलाती रहतीं हैं। निर्जलीकरण आपके रक्त में तरल अंश को कम कर देता है।ऐसे में आपके दिल को ज्यादा काम करना पड़ता है उतना ही रक्त उठाने में। आपके शरीर का स्वयं को ठंडा करते रहने का मिज़ाज़ स्वभाव भी गड़बड़ा जाता है। आपकी पेशियाँ हारने थकने लगतीं हैं जल्दी ही। आपके रक्त की विस्कोसिटी (श्यानता )बढ़ जाती है। चिपचिपा ,गाढ़ा और सांद्र होने लगता है रक्त। इसलिए जलीकरण को नज़रअंदाज़ मत करिये। आपका पर्याप्त ध्यान आपकी पूरी तवज्जो माँगता है : हायड्रेशन।
(ज़ारी )
सच यह है थोड़ा सा भी निर्जलीकरण आपकी संज्ञानात्मक (बोध संबंधी )तथा शारीरिक गतिविधियों पर असर डालेगा। कुलमिलाकर आपके स्वास्थ्य को भी इस अल्प से प्रतीत होने वाले निर्जलीकरण (de-hydration )का खमियाज़ा भुगतना पड़ेगा ।
पर्याप्त जलीकरण रहने पर आपकी तमाम कोशाएं (कोशिकाएं ,body cells )भरपूर तरल में तैरती इठलाती रहतीं हैं। निर्जलीकरण आपके रक्त में तरल अंश को कम कर देता है।ऐसे में आपके दिल को ज्यादा काम करना पड़ता है उतना ही रक्त उठाने में। आपके शरीर का स्वयं को ठंडा करते रहने का मिज़ाज़ स्वभाव भी गड़बड़ा जाता है। आपकी पेशियाँ हारने थकने लगतीं हैं जल्दी ही। आपके रक्त की विस्कोसिटी (श्यानता )बढ़ जाती है। चिपचिपा ,गाढ़ा और सांद्र होने लगता है रक्त। इसलिए जलीकरण को नज़रअंदाज़ मत करिये। आपका पर्याप्त ध्यान आपकी पूरी तवज्जो माँगता है : हायड्रेशन।
(ज़ारी )
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