कद्दू में गुण बहुत हैं न सिर्फ यह कोलेस्टेरोल और नमक से शून्य है ,चिकनाई भी इसमें बिलकुल नहीं है।पश्चिम में जहां यह हेलोवीन की शोभा है पाई की शान है वहीँ भारत में यह ब्याहशादियों में क-चौड़ी ,पूरी का भाई है। रायते का सहोदर है हलवे की शान है।
इसके बीजों की अपनी उपयोगिता है चाहे इन्हें भून के खाओ चाहे मिष्ठान्न पे सजाओ। वजन घटाने के लिए सीताफल (काशीफल या कद्दू )को अपनी खुराक में शामिल कीजिये।
इसके प्रति सौ ग्राम से ऊर्जा के रूप में आपको मात्र २६ केलोरीज़ मिलेंगी। बस इसको खाने पकाने में आप ज्यादा चिकनाई और स्वाद के चक्कर में न पड़ें । इतना ही नहीं इसके प्रति सौ ग्राम से आपको तकरीबन आधा ग्रैम खाद्य रेशे भी प्राप्त हो जायेंगे।वजन घटाने में रेशों का अपना हाथ रहता है।
कसरत करने के बाद आप एक केले से जितना पोटेशियम खनिज प्राप्त करते हैं उससे ज्यादा प्रति सौ ग्रैम से ३४० मिलि-ग्रैम आपको कद्दू मुहैया करवा देगा। ब्लड प्रेशर के प्रबंधन में पोटेशियम का अपना हाथ रहता है। यहां यह एक ज़रूरी खनिज है।
थके मादे मसल्स (पेशियों )को राहत पहुंचाता है यही पोटेशियम।
एक दम से जितना ज़रूरी है उतनी मात्रा विटामिन -C ,और बीटा कैरोटीन की मुहैया करवा देता है पम्पकिन।
प्रतिरक्षा तंत्र के लिए यह एक प्रकार से बूस्टर का काम करता है। वजन घटाने के लिए रोग रोधी तंत्र का तंदरुस्त बने रहना कितना ज़रूरी है इसे अलग से बतलाने की जरूरत नहीं है।
इसमें एक ऐसा एमिनो अम्ल है जो स्ट्रेस को दूर भगाता है इसे कहा जाता है ट्रिप्टोफेन ,यही एमिनो एसिड(tryptophan ,amino acid ) मूढ़ की ख़ुशमिज़ाजी का नुस्खा है ऐसा समझिये।
कैसे इस्तेमाल करें कद्दू -किसी भी भारतीय को इसे अलग से बतलाने समझाने की जरूरत नहीं है -चाहे यह साम्भर का हिस्सा बने या फिर सूप का। रस्म का या रायते का। अलबत्ता पश्चिमी खान पान में कुछ सावधानियों के साथ ही इसे खाया जाए खासकर तब जब आप वजन घटाने के मिशन पर हैं। पढ़िए इसका मूल स्वरूप अंग्रेजी में :अगली किश्त में
इसके बीजों की अपनी उपयोगिता है चाहे इन्हें भून के खाओ चाहे मिष्ठान्न पे सजाओ। वजन घटाने के लिए सीताफल (काशीफल या कद्दू )को अपनी खुराक में शामिल कीजिये।
इसके प्रति सौ ग्राम से ऊर्जा के रूप में आपको मात्र २६ केलोरीज़ मिलेंगी। बस इसको खाने पकाने में आप ज्यादा चिकनाई और स्वाद के चक्कर में न पड़ें । इतना ही नहीं इसके प्रति सौ ग्राम से आपको तकरीबन आधा ग्रैम खाद्य रेशे भी प्राप्त हो जायेंगे।वजन घटाने में रेशों का अपना हाथ रहता है।
कसरत करने के बाद आप एक केले से जितना पोटेशियम खनिज प्राप्त करते हैं उससे ज्यादा प्रति सौ ग्रैम से ३४० मिलि-ग्रैम आपको कद्दू मुहैया करवा देगा। ब्लड प्रेशर के प्रबंधन में पोटेशियम का अपना हाथ रहता है। यहां यह एक ज़रूरी खनिज है।
थके मादे मसल्स (पेशियों )को राहत पहुंचाता है यही पोटेशियम।
एक दम से जितना ज़रूरी है उतनी मात्रा विटामिन -C ,और बीटा कैरोटीन की मुहैया करवा देता है पम्पकिन।
प्रतिरक्षा तंत्र के लिए यह एक प्रकार से बूस्टर का काम करता है। वजन घटाने के लिए रोग रोधी तंत्र का तंदरुस्त बने रहना कितना ज़रूरी है इसे अलग से बतलाने की जरूरत नहीं है।
इसमें एक ऐसा एमिनो अम्ल है जो स्ट्रेस को दूर भगाता है इसे कहा जाता है ट्रिप्टोफेन ,यही एमिनो एसिड(tryptophan ,amino acid ) मूढ़ की ख़ुशमिज़ाजी का नुस्खा है ऐसा समझिये।
कैसे इस्तेमाल करें कद्दू -किसी भी भारतीय को इसे अलग से बतलाने समझाने की जरूरत नहीं है -चाहे यह साम्भर का हिस्सा बने या फिर सूप का। रस्म का या रायते का। अलबत्ता पश्चिमी खान पान में कुछ सावधानियों के साथ ही इसे खाया जाए खासकर तब जब आप वजन घटाने के मिशन पर हैं। पढ़िए इसका मूल स्वरूप अंग्रेजी में :अगली किश्त में
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