अध्ययन में खुलासा : संक्रमित की सांस, गाने व बोलने तक से हवा में फैल रहा है वायरस Download Amar Ujala App for Breaking News in Hindi & Live Updates. https://www.amarujala.com/channels/downloads?tm_source=text_share
सार-संक्षिप्त :
वैज्ञानिकों के अनुसार जब संक्रमित व्यक्ति बात करता, सांस करता, चिल्लाता, गाना गाता या खांसता व छींकता है तो वह वायरस को दूसरों तक पहुंचा रहा है।
विस्तार
देश में प्रतिदिन दो लाख से ज्यादा संक्रमित मिलने के साथ ही एक और चिंताजनक खबर है, चिकित्सा जर्नल लेंसेट में प्रकाशित नए अध्ययन ने इस बात के पुख्ता साक्ष्य दिए हैं कि कोरोना हवा से फैल रहा है।
इसमें अमेरिका, यूके और कनाडा के छह विशेषज्ञों ने चेताया कि अगर संक्रमित को आइसोलेट नहीं किया गया तो उसके कारण हवा से लोग संक्रमित हो सकते हैं। अध्ययन में शामिल कोलाराडो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक जोस लुइस जिमनेज ने दावा किया कि हवा सें संक्रमण फैलने के पूरे साक्ष्य मिले हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार संक्रमण हवा से फैलने के मायने हैं कि जब संक्रमित व्यक्ति बात करता, सांस करता, चिल्लाता, गाना गाता या खांसता व छींकता है तो वह वायरस को दूसरों तक पहुंचा रहा है।
40 फीसदी संक्रमण गैर-लक्षण वालों ने फैलाया
गैर-लक्षण वाले संक्रमितों ने 40 प्रतिशत संक्रमण फैलाया। वे खांसते हैं न छींकते हैं, जिससे पानी की बड़ी ड्रॉपलेट निकलें और दूसरों को संक्रमित करें। इन संक्रमितों के जरिए संक्रमण चुपचाप फैला, जो हवा के जरिए ही संभव है।
अब देर नहीं करनी चाहिए
ग्रीनहॉग के अनुसार हवा में वायरस फैलने के साक्ष्य पुख्ता हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षा उपाय करने चाहिए और देर करने की जरूरत नहीं है। अध्ययन के सह -लेखक प्रो. किंबले प्राथर ने कहा कि किसी को आश्चचर्य नहीं होना चाहिए कि कोरोना हवा से फैल रहा है।
बचाव के लिए सबक
बंद कमरों, घरों, ऑफिस व अन्य कार्यस्थलों पर एक संक्रमित व्यक्ति सभी को संक्रमित कर रहा है। इन जगहों पर वेंटीलेशन अनिवार्य रखें।
घर-बाहर भीड़ न लगाएं।
घर पर भी मास्क पहनें, क्वालिटी मास्क लगाएं।
स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट व मास्क दिेए जाएं। इनमें भीतर हवा घुसने की जगह नहीं होनी चाहिए।
सन्दर्भ -सामिग्री :https://www.amarujala.com/world/corona-virus-is-spreading-through-the-air
विशेष :सब कुछ समाप्त नहीं हुआ है ,निराशा की कोई वजह नहीं बनी है। अलबत्ता उन जगहों पर जाने से बचें जहां एक्सॉस्ट नहीं है ,हवा की आवाजाही बिलकुल नहीं है ,हमारे घर के नजदीकतर फरीदाबाद सेक्टर ३१ में एक विशाल मार्ट है जो ऐसी जगहों की एक मिसाल भर है। देश में कितने और ऐसे ही मार्ट होंगे।फ़ूड पार्क ,जिम (व्यायामशालायें )होंगी ,इनडोर स्वीमिंग पूल्स होंगे,INA ,EZHIMALA (Kannur )में हम ने एक ऐसी ही व्यवस्था देखी है जहां पूरा इनडोर नेटवर्क है तरणतालों का केडेट्स के लिए।
दफ्तरों में भी जहां वातानुकूलन व्यवस्थाएं हैं चंद खिड़की दरवाज़े खुले रखने में कुछ न कुछ बचाव ज़रूर है। वातुनुकूलित कार ,डीलक्स बसें ,रेल -कोचिज ऐसी और जगहें हैं।
सावधानी की जरूरत है चित्त को स्वस्थ रखिये भयभीत बिलकुल न रहें -अलबत्ता डबल मास्क लगाए कपड़े के मास्क से ४० फीसद बचाव सम्भव है इसके ऊपर या नीचे आसमानी सहज सुलभ सस्ता सर्जिकल मास्क लागएं। हाथों को स्वच्छ रखना तो वैसे भी हमारी संस्कृति का हिस्सा है। धोते रहिये कुछ भी छूने खाने से पहले लाइफ्बोय से हाथ। रूमाल की जगह टिशू पेपर भला।
चिंता ताकि कीजिये जो अनहोनी होय,
चिंता ताकि कीजिये जो अनहोनी होय ,
यही मार्ग संसार को नानक थिर नहीं कोय।
जो उपजो सो बिनस है ,परो आज के काल,
नानक हर गुन गाईले छाड सगल जंजाल।
https://www.youtube.com/watch?v=BnPBcvbMVRY
## CHINTA TA KI KIJIYE ##
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