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दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब'


नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)| दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मंगलवार को वायु गुणवत्ता का स्तर 'अति खराब' स्तर पर पहुंच गया। रातों-रात प्रदूषण में हुई वृद्धि के कारण शहर में धुंध छाई हुई है। शहर में मंगलवार की सुबह धुंध की एक मोटी परत छाई रही, जिससे दृश्यता प्रभावित हुई। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि एक दो दिनों में स्मॉग की शुरुआत हो जाएगी।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अध्यक्ष के.जी. रमेश ने आईएएनएस को बताया, "जब तक ओजोन में सुधार नहीं होता, तब तक यह धुंध बरकरार रहेगी।" धुंध पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) पर पड़ने वाले सूर्य का प्रकाश का प्रतिबिम्ब है। स्मॉग, नमी व पीएम का मिश्रण है, इसमें सीमित दृश्यता होती है।
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम तीन बजे तक 401 दर्ज किया गया, जिसे 'अति खराब' माना जाता है। पीएम की मात्रा सुबह नौ बजे से ही 'अति खराब' स्तर से अधिक पाई गई थी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, वायु गुणवत्ता एक नवंबर से और बिगड़ती जाएगी और इस साल दिवाली अधिक प्रदूषित हो सकती है।
मंगलवार को एनसीआर के अधिकतर हिस्सों में पीएम2.5 और पीएम10 में तेज वृद्धि देखी गई।
दिल्ली में 35 सक्रिय प्रदूषण निगरानी इलाकों में शाम तीन बजे तक पीएम2.5 की औसत सघनता 273 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम10 487 इकाई दर्ज की गई। वहीं एनसीआर के 48 निगरानी इलाकों में पीएम2.5 और पीएम10 सघनता क्रमश: 263 और 470 इकाई दर्ज की गई।
सीपीसीबी के मुताबिक, अति खराब वायु गुणवत्ता के लिए पीएम2.5 250-300 और पीएम10 का स्तर 430-500 के बीच रहना चाहिए या एक्यूआई 401-500 के बीच रहना चाहिए।
हवा में सूक्ष्म प्रदूषकों में से एक पीएम2.5 की अनुमत सीमा राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक 60 यूनिट और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक 25 यूनिट होनी चाहिए।
शाम तीन बजे तक गुरुग्राम में एक्यूआई 425, फरीदाबाद में 412, नोएडा सेक्टर 125 में 410 और गाजियाबाद में 449 दर्ज किया गया, इन सभी को अति खराब माना जाता है। वहीं ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 395 पाया गया, जो अति खराब की कगार पर है।
(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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